मनोहर लाल को यू टर्न मुख्यमंत्री के नाम से भी संबोधित किया जाता है। बेशक 2014 से लेकर 2024 तक हरियाणा की सत्ता में बने रहे लेकिन मुख्यमंत्री पद पर रहते मनोहर लाल हरियाणा की जनता के विश्वास नहीं बना पाए।
चंडीगढ़ ,21 जून(अटल हिन्द ब्यूरो )
हरियाणा की राजनीति में अब तक जितने मुख्यमंत्री बने उनमें सबसे नाकाम ,हरियाणा की जनता द्वारा नापसंद ,और यू टर्न लेने वाले मनोहर लाल खट्टर का नाम लिया जाएगा। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा की राजनीति में पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो आरएसएस द्वारा हरियाणा की जनता पर थोपा गया यही नहीं मनोहर लाल खटर कभी भी जुबान के धनी साबित नहीं हुए सुबह बयान देकर शाम को पलट जाते थे इसलिए उन्हें यू टर्न मुख्यमंत्री के नाम से भी संबोधित किया जाता है। बेशक 2014 से लेकर 2024 तक हरियाणा की सत्ता में बने रहे लेकिन मुख्यमंत्री पद पर रहते मनोहर लाल हरियाणा की जनता के विश्वास नहीं बना पाए।
मनोहर लाल खट्टर जाट आंदोलन ,किसान आंदोलन,कोरोना काल के समय जनविरोधी नेता के रूप में भारत वर्ष में पहचाने जाने लगे बावजूद इसके उन्होंने दस साल हरियाणा पर राज किया लेकिन जब तक मनोहर लाल खट्टर अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर पाते बीजेपी हाईकमान ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया।
मुख्यमंत्री हरियाणा की राजनीति के बड़े खिलाड़ी साबित होते हुए खुद की निगाह में सफल सी एम की कुर्सी छोड़कर और भी कद्दावर होकर उभरे मनोहर लाल वाकई अपनी राजनीति का लोहा मनवाने में कामयाब रहे।कभी हरियाणा की राजनीति की धूरी रहे हरियाणा की राजनीति के तीन लालों की राजनीति की विरासत को भगवा करने वाले चौथे लाल मनोहर लाल ने देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल जो कभी राजनीति की नर्सरी थे को भाजपा के भगवे झंडे के नीचे इकट्ठा कर दिया।उनके वारिस भविष्य में अपनी क्या राजनीतिक पकड़ दिखाते है ये तो भविष्य के गर्भ में है मगर मनोहर वाकई में राजनीति के पक्के गुरु निकले।
कभी जिन परिवारों के ईर्द-गिर्द घूमती थी हरियाणा की सत्ता, मनोहर लाल ने सहेज ली इनकी ‘विरासत’
कभी जिन परिवारों के ईर्द-गिर्द घूमती थी हरियाणा की सत्ता, मनोहर लाल ने सहेज ली इनकी ‘विरासत’
कहते हैं कि राजनीति में कभी कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। शायद यहीं कारण है कि इन दिनों हरियाणा की राजनीति में नेताओं में जहां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की जुबानी जंग जारी है। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले और परिणाम के बाद भी नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का सिलसिला भी लगातार जारी है। किसी समय में देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के रूप में तीन लालों के इर्द-गिर्द घूमने वाली राजनीति कुछ समय पूर्व ही राजनीति में आए चौथे लाल मनोहर लाल के ईर्द-गिर्द घूम रही है। हालांकि देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के कार्यकाल को देखे तो अलग-अलग राजनीति करने वाले इन तीनों लालों की विरासत अब भारतीय जनता पार्टी सहेज रही है। इन तीनों लालों के लाल अपना राजनीतिक भविष्य तराशने के लिए इनकी विरासत को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के झंडे तले जुटना शुरू हो चुके हैं।
पार्टी बनाकर किया कांग्रेस में विलय:
हरियाणा की राजनीति के लाल बंसीलाल और भजनलाल ने कांग्रेस में अनदेखी होने पर खुद की अलग-अलग पार्टी बनाई। इनमें बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी और भजनलाल ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के नाम से अपनी-अपनी पार्टी बनाई। इनमें बंसीलाल ने 1996 में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाई, लेकिन वह 2 साल से अधिक नहीं चल पाई। इसी प्रकार से भजनलाल ने 2005 में कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी के बैनर तले विधानसभा चुनाव लड़ा। उस समय पार्टी के कुछ विधायक भी बने, जो बाद में पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में चले गए। बाद में पुत्र मोह के चलते बंसीलाल, फिर भजनलाल ने अपनी-अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था। इनसे हटकर चौधरी देवीलाल की ओर से बनाई गई इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी ही अब तक एक क्षेत्रीय दल के रूप में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
बीजेपी में पहुंचे तीनों लालों के ‘लाल’:
किसी समय में हरियाणा की राजनीति की पीएचडी कहे जाने वाले भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस को अलविदा कहते हुए बीजेपी में अपनी आस्था जताई और वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। उसी प्रकार से देवीलाल के लाल के रुप में मौजूदा हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। अब विधानसभा चुनाव से पहले तीसरे लाल और लौहपुरुष कहे जाने वाले चौधरी बंसीलाल की राजनीतिक विरासत संभाल रही उनकी बहू किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई।बस भजन लाल के बड़े पुत्र अभी भगवा मय नहीं हो पाए।जनता जबकि कयास लगा रही है कि शैलजा गुट में होने की वजह से उनका टिकट शायद कट जाए तो ऐसे में भाजपा के पास उनको लपकने का सही समय होगा।
चौथे लाल बने राजनीति की धुरी का केंद्र
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल आजकल हरियाणा की राजनीतिक धुरी का केंद्र बने हुए हैं। इस काम में उनका सहयोग मुख्यमंत्री के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी कर रहे हैं। हरियाणा की राजनीति के लाल देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल को राजनीति की नर्सरी कहा जाता था, लेकिन राजनीति के बदलते घटनाक्रम ने अब लोगों की धारणा बदल दी है। कारण साफ है कि हरियाणा की राजनीति के ध्रुवीकरण रहे तीनों लाल बंसीलाल, भजनलाल और देवीलाल के ‘लाल’ भाजपा के झंडे के भगवे रंग में रंग चुके हैं।
Add A Comment