मानेसर नगर निगम चुप है और भ्रष्टाचार का आरोपी दंडित ठेकेदार चहक रहा
मानेसर नगर निगम में घोटाले और भ्रष्टाचार के बम फूटने का सिलसिला जारी
गुरुग्राम के बाद धनाढ्य मानेसर निगम की न्यायिक जांच हाई कोर्ट की निगरानी में हो
सरकार की मिलीभगत से ईमानदार अफसर का तबादला, कांग्रेस की न्यायिक जांच की मांग
मानेसर निगम घोटालों का गढ़, अब स्वच्छता अवॉर्ड भी सवालों के घेरे में”
फतह सिंह उजाला
मानेसर / पटौदी 3 मई । हरियाणा प्रदेश के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिला गुरुग्राम के दूसरे और हरियाणा प्रदेश के 11 वें मानेसर नगर निगम को स्वच्छता रैंकिंग में पहले स्थान पर आने को ” मानेसर की जनता के साथ हुए सफ़ाई घोटाले को वैधता देने की कोशिश” बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अवॉर्ड जमीनी सच्चाई का मज़ाक उड़ाता है और सरकारी तंत्र को ठेकेदार लॉबी के सामने झुकता हुआ दिखाता है। कांग्रेस नेत्री ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि मानेसर नगर निगम के गठन से लेकर सफाई कार्यों में लगी एजेंसी आकांक्षा एंटरप्राइजेज को दिए गए टेंडर, भुगतान और कार्य की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में करवाई जाए। “यदि सरकार ने जल्द न्यायिक जांच की घोषणा नहीं की, तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर आंदोलन करेगी और विधानसभा में यह मुद्दा पूरी ताकत से उठाएगी,” पर्ल चौधरी ने स्पष्ट किया। “जब मानेसर नगर निगम चुप है और भ्रष्टाचार के आरोप में दंडित ठेकेदार चहक रहा है, तो समझिए दाल नहीं पूरी रसोई ही काली हो चुकी है!”
उन्होंने कहा गुरुग्राम नगर निगम भी सफाई सहित कूड़ा उठाने और निस्तारण के मुद्दे को अक्सर सुर्खियों में बना ही रहा है । यहां भी संबंधित एजेंसी का टेंडर रद्द किया जाने के बाद एजेंसी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिससे निगम बैक फुट पर आने को मजबूर हुआ । इतना ही नहीं सांसद और केंद्रीय मंत्री के द्वारा भी कई बार सार्वजनिक रूप से गुरुग्राम नगर निगम की सफाई व्यवस्था संभालने वाली एजेंसी की जांच की मांग की गई, परिणाम सभी के सामने है । बंदवाड़ी में कूड़े के पहाड़ से उठने वाला धुआं, बहुत कुछ, बिना कुछ कहे, कह रहा है। इसी कड़ी में नवगठित पटौदी जाटोली मंडी परिषद में भी सफाई व्यवस्था को लेकर अच्छी खबरें सामने नहीं आ रही। यहां भी आने वाले कुछ दिनों में सफाई व्यवस्था और सफाई के संदर्भ में भुगतान को लेकर चौंकाने वाले खुलासे होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
साढे तीन करोड़ जुर्माना और साढे तीन घंटे में ट्रांसफर
कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने कहा, “29 अप्रैल को जब नगर निगम की कमिश्नर श्रीमति रेणु सोगान ने सफाई एजेंसी आकांक्षा एंटरप्राइजेज पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। तब निगम के सोशल मीडिया हैंडल से इसे सार्वजनिक भी किया गया। लेकिन महज तीन घंटे में सरकार ने उनकी कुर्सी छीन ली। यही नहीं, उनके आईएएस पति हितेश मीणा का भी ट्रांसफर गुरुग्राम से चंडीगढ़ कर दिया गया। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में चल रही साजिश का प्रयोग कहना बेहतर हो सकता है।”
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने पर तबादला
श्रीमति पर्ल चौधरी ने इस पूरे घटनाक्रम को सामाजिक न्याय और प्रशासनिक प्रतिशोध के दृष्टिकोण से भी चिंताजनक बताया । उन्होंने कहा “श्रीमति रेणु सोगान और उनके पति आईएएस अधिकारी हितेश मीणा दोनों 2019 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं । ऐसे में जब एक ईमानदार महिला अफसर को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने पर तबादला करके दंडित किया जाता है और वह भी इतनी जल्दबाजी में, बिना किसी और अफसर को जिम्मेदारी दिए हुए ।। तो यह केवल प्रशासनिक प्रतिशोध ही नहीं बल्कि सामाजिक पक्षपात का भी संकेत देता है सरकार को या स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह कार्रवाई केवल एक रसूखदार एजेंसी को बचाने के लिए की गई है या इसमें जातीय भेदभाव भी शामिल था क्या यह लोकतंत्र है या सत्ता का दमनकारी रूप ?
लोकतंत्र की आत्मा के साथ किया गया मखौल
श्रीमति पर्ल चौधरी ने मानेसर नगर निगम के गठन पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि निगम का गठन अपने आप में विवादित रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने निगम के गठन के लिए आवश्यक जनसंख्या, बुनियादी ढांचे और नगरीय संसाधनों के मानकों की खुलेआम अनदेखी की। ऐसा लगता है कि इसका उद्देश्य केवल मानेसर क्षेत्र की पंचायतों में पड़े पुरखों के धन और पंचायती जमीन पर कब्जा जमाना था।” उन्होंने कहा कि “नगर निगम गठन से लेकर अब तक इसकी कार्यप्रणाली जनता की नजर में एक संगठित घोटाले की तरह रही है। आज जब शहर गंदगी, सफाई कर्मचारियों को वेतन बकाया और वृहत पैमाने पर अव्यवस्था से जूझ रहा है, तब यह ‘पोर्टल वाला नंबर वन’ का तमगा, लोकतंत्र की आत्मा के साथ किया गया मखौल है।”भाजपा का ट्रिपल इंजन — भ्रष्टाचार, भय और बदले की ट्रांसफर नीति!” पहला इंजन घोटाले चलाए, दूसरा इंजन ईमानदारों को डराए, तीसरा इंजन तबादले करवाए!”
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